पृथ्वी दिवस - अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस (21मार्च) एवं विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल)
फाॅदर आॅफ अर्थ डे- गेलोर्ड नेल्सनपृथ्वी बहुत व्यापक शब्द है जिसमें जल, हरियाली, वन्यप्राणी, प्रदूषण और इससे जुड़े अन्य कारक भी हैं। कुछ मामलो को अगर हटा दिया जाये तो मनुष्य के लिए आदि भी यही है और अंत भी यही। पृथ्वी को बचाने का आशय है कि अपने आप की सुरक्षा करना या आने वाली पीढी के लिए संजोये रखना, जो कि अभी मात्र एक पहल हुई है। न तो इसे लेकर कभी सामाजिक जागरूकता दिखाई गई और न राजनीतिक स्तर पर कभी कोई ठोस पहल की गई। पृथ्वी को बचाने का आशय यह भी है कि संसाधनो को संचित किया जाय या इनके विकल्प ढुंढे जाये। आज हमारे सामने जो भी नजर आता है वह चाहे धरती हो या आकाश सभी, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पृथ्वी के घटक के रूप में जुडे है। लेकिन इसके लिए किसी एक दिन को ही माध्यम बनाया जाए, क्या यह उचित है? हमें हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके बचाव के लिए कुछ न कुछ उपाय करते रहना चाहिए। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पृथ्वी दिवस को लेकर देश और दुनिया में जागरूकता का भारी अभाव है! सामाजिक या राजनीतिक दोनों ही स्तर पर इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए जाते। कुछ पर्यावरण प्रेमी अपने स्तर पर कोशिश करते रहे हैं, किंतु यह किसी एक व्यक्ति, संस्था या समाज की चिंता तक सीमित विषय नहीं होना चाहिए! सभी को इसमें कुछ न कुछ आहुति देना पड़ेगी तभी बात बनेगी।
पूरी दुनिया 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाती है, जो कि वर्ष 1970 से 22 अप्रैल को मनाया जाना तय किया गया। इस दिन को अमेरिका में वृक्ष दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। पृथ्वी दिवस को साल मे दो दिन मनाया जाता है पहला 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा और दूसरा 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता था।
विश्व पृथ्वी दिवस को एक वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने की शुरुआत इसके मुद्दे को सुलझाने के द्वारा पर्यावरणीय सुरक्षा का बेहतर ध्यान देने के लिये, राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करने के लिये के लिये की गयी। 1969 में, सैन फ्रांसिस्को के जॉन मैककोनल नाम के एक सामाजिक एवं पर्यावरण कार्यकर्ता जो सक्रियता से इस कार्यक्रम को शुरु करवाने में शामिल थे, ने एक साथ मिलकर पर्यावरणीय सुरक्षा के लिये इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा। 21 मार्च 1970 को वसंत विषुव में पृथ्वी दिवस मनाने के लिये इस कार्यक्रम को जॉन मैककोनेल ने चुना था जबकि 22 अप्रैल 1970 को इस कार्यक्रम को मनाने के लिये अमेरिका के विंसकॉन्सिन सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने चुना था। 22 अप्रैल को ही विश्व पृथ्वी दिवस मनाए जाने के पीछे अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन रहे हैं। वे पर्यावरण को लेकर चिंतित रहते थे और लोगों में जागरूकता जगाने के लिए कोई राह बनाने के प्रयास करते रहते थे।
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पृथ्वी दिवस का इतिहास
पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति लोगों मे जागरूकता बढाने प्रतिवर्ष पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है, अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 21 मार्च एंव विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल दोनो दिनों मे पूरे विश्व भर एक वार्षिक कार्यक्रम मनाया जाता है, जिसमें लगभग सभी देशों के करोडो लोगो द्वारा अपना कर्तव्य निभाने हेतु संकल्प लिया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस को 1969 के एक घटना के परिणामस्वरूप 1970 मे पहली बार कुछ चुनिंदा देशों मे मनाया गया और जो कि देखते ही देखते एक विशाल कार्यक्रम बन गया आज लगभग 192 देशों के द्वारा वैश्विक आधार पर सालाना मनाया जाता है जबकि अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस 21 मार्च 1972 से प्रतिवर्ष मनाया जाता है।अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस
संयुक्त राष्ट्र ने 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के रूप मे मान्यता दी है। जिसके पीछे वैज्ञानिक और खगोलीय मत है। इस तिथि के बारे में जानने से पहले मै आपको उस खगोलीय मत के बारे में स्पष्ट करना चाहता हूँ जिसे कि बसंत विषुव कहते है।विषुव- विषुव पृथ्वी की वह स्थिति होती है जब सूर्य की किरणे पृथ्वी के भूमध्य रेखा पर लम्बवत पडती है। यह घटना साल में दो बार घटित होती है पहला 21 मार्च को जब सूर्य की स्थिति उत्तरायण और दूसरा 23 सितम्बर को जब सूर्य की स्थिति दक्षिणायन होती है। इन दो दिनों में यानी विषुव की स्थिति में पृथ्वी के किसी भी हिस्से में दिन और रात बराबर होते है और क्रमश उत्तरी गोलार्ध में बसंत ऋतु एव दक्षिणी गोलार्ध मे शरद ऋतु की शुरूआत होती है।
सैन फ्रांसिस्को के एक सामाजिक एवं पर्यावरण कार्यकर्ता जॉन मैककोनल ने वर्ष 1969 में यूनेस्को मे पर्यावरण पर हुए एक सम्मेलन में पहली बार पृथ्वी दिवस मनाने का विचार पेश किया। जिसके बाद वर्ष 1970 के 21 मार्च को सेन फ्रांसिस्कों के मेयर जोसेफ अलिओटो ने पहली बार पृथ्वी दिवस की घोषणा की। जिसमे अमेरिका के कई शहरों को समर्थन भी मिला। बाद मे 26 फरवरी 1971 को संयुक्त राष्ट्र के तब के महासचिव यु थांट ने इसे वार्षिक दिवस के रूप में मानने के लिए जॉन मैककोनल के विचार का समर्थन किया। 1972 से (सयुक्त राष्ट्र सचिव- वाल्थेइम) यह दिवस प्रतिवर्ष 21 मार्च को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। अतः 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस मनाने का श्रेय जॉन मैककोनल को जाता है।
22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस
हमारी पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ आज भी जीवन संभव है। धरती पर जीवन को बचाये रखने के लिये पृथ्वी की प्राकृतिक संपत्ति को बनाये रखना बहुत जरुरी है। विकास के इस दौड में हम भूल गये है कि हम क्या खो चुके है। 1960 के दशक में अमेरिका में पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी को लेकर बहुत से कदम उठाये जा रहे थे। इसी दशक मे पर्यावरण को बचाने के लिए वहा के पर्यवरणविद सवोच्च न्यायालय तक पहुच गये थे। इसी दशक के अंत मे वर्ष 22 जनवरी 1969 मे कैलिफोर्निया के कोस्टन क्षेत्र सांता बरबारा में लगभग 1 लाख लीटर तेल का रिसाव हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप हजारों समुद्री जीवों जैसे डाल्फिन, सील, सी-लायन्स आदि की मृत्यु हो गयी थी। उन समय विस्कोंसीन के सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन ने इस मुद्दे को लेकर गंभीरता दिखाई और पर्यावरण को लेकर कुछ करने की योजना के अंतर्गत सितम्बर 1969 मे वाशिंगटन में एक सम्मेलन मे घोषणा की कि अगले वर्ष बंसत ऋतु में पर्यावरण जागरूकता हेतु राष्ट्रव्यापी प्रर्दशन करेगे, जिसे कि उस समय के जाने माने टेलिविजन अभिनेता एड्डी अल्बर्ट का भरपूर सहयोग मिला।22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे कई कारणों को माना जाता है हालांकि गेलोर्ड नेल्सन ने स्पष्ट नही किया कि क्यो उन्होने 22 अप्रैल की तिथि चुनी, इतना जरूर था कि गेलोर्ड नेल्सन चाहते थे कि पृथ्वी दिवस मनाये जाने के लिए उस दिन का चुनाव हो सके जिसमे अधिकतक युवा की भागीदारी हो, और वह दिन बंसत ऋतु मे पडे। अतः वह 19 से 25 अप्रैल तक के किसी भी दिन को इसके लिए उपर्युक्त मानते थे। क्योकि इस पूरे सप्ताह में अधिकतर स्कूलो और काॅलेजो में अवकाश रहता है। कुछ लोग मानते है कि अभिनेता एड्डी अल्बर्ट, जिन्होने इस आदोलन मे अहम भूमिका निभाई का जन्म दिन भी 22 अप्रैल को मनाया जाता है, शायद इस कारण 22 अप्रैल की तारीख चुनी होगी।
कुछों का कहना है कि इस दिन जुलियन कोनिग, जो एक विज्ञापन मुद्रक व लेखक थे, का जन्मदिन होता है, हो सकता है कि इसीलिए 22 अप्रैल को चुना गया हो। क्योंकि सबसे पहले अर्थ डे या पृथ्वी दिवस नाम का सुझाव जुलियन कोनिग ने ही वर्ष 1969 में दिया था। उन्होने उस समय एक नारा भी दिया था कि कल अर्थ डे बर्थ डे है।
ग्रेगरी कैलेंडर के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि 22 अप्रैल 1970 को व्लादिमिर लेनिन का 100 जन्मदिवस था। इसे भी पृथ्वी दिवस के दिन को चुनने का कारण माना जाता है।
जो भी कारण रहा हो यह एक मात्र जिज्ञाषा के कुछ और नही है। मुख्य मुद्दा तो पृथ्वी पर स्वाश्वत जीवन के लिये खतरा बनते जा रहे मानवीय क्रियाकलापों को कम करके पृथ्वी को आने वाले प्राणीयों के लिए रहने योग्न बनाना था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पेड़-पौधे लगाना, वनों की कटाई को रोकना, वायु प्रदूषण को रोकने के लिये वाहनों के इस्तेमाल को कम करना, बिजली के गैर-जरुरी इस्तेमाल को घटाने के द्वारा ऊर्जा संरक्षण को बढ़ाना आदि कई उपाय आते है जो कि हर इंसान द्वारा उपयोग किया जाता है और उससे उम्मीद की जाती है कि पर्यावरण सुरक्षा को लेकर अपने कर्तव्य को समझते हुए छोटे-छोटे कदम लेकर एक बड़े कामयाबी हासिल करना है। यह एक जनभागीदारी है जिसमे हर किसी इंसान का योगदान महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य है
विश्व पृथ्वी दिवस 2020
इस साल भले ही दुनिया वायरस के संक्रमण से भयभीत है, और लगभग हर वह देश जिसका पर्यावरण को नुकासन पहुचाने में अधिक हिस्सेदारी है, आज कोविड-19 वायरस के कारण अपने देश मे लाॅकडाउन कराये बैठा। मगर यदि बात पर्यावरण की की जाये तो इसपर बिल्कुल उल्टा असर हुआ है जहां एक ओर इंसान डरा सहमा बैठा है वही पशु-पक्षी बेखौफ घुम रहे है। आसमान न अपने प्राकृतिक रंग मे है बल्कि नजर भी आ रहा है। ऐसा प्रतित हो रहा कि वायरस का फैलना एक प्राकृतिक घटना हो, मानो वह कह रही हो कि सिर्फ इंसानो से ही पृथ्वी नही बनी है। इस वर्ष पृथ्वी दिवस की थीम है क्लाइमेट ऐक्शन।What is PM2.5 and PM10. Lockdown control pullution and bring Bluesky
पृथ्वी व पर्यावरण को लेकर भारत के उपाय
भारत मे समय-समय पर पर्यावरण को बचाने हेतु कई पर्यावरणविद सामने आये है जिन्होने कई आंदोलनो को न सिर्फ जन्म दिया, बल्कि उनको कई वर्षो तक जन-आदोलन के रूप में भी परिवर्तित किया। जैसे लगभग 1700 ई0 में राजस्थन का विश्नोई आदोलन, 1973 में उत्तराखंड का चिपको आदोलन, 1978 केरल का सेव साइलेंट वैली आंदोलन, 1982 का बिहार का जंगल बचाओ आदोलन, 1983 का कर्नाटक का अपिको आदोलन आदि।जीईपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड। क्या है जीईपी, ग्रीन जीडीपी। हैस्को।
विश्व पृथ्वी दिवस का विषय (थीम)
किसी भी कार्यक्रम का सही संचालन के लिए एक विषय या उद्देश्य होना जरूरी है वैसे ही पृथ्वी दिवस के लिए एक विषय चुना जाता है, जिस पर पूरे वर्ष के लिए काम करना होता है। इसी के तहत संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2007 से पृथ्वी दिवस के दिन हर साल के लिए एक थीम या विषय चुना जाता है। पिछले वर्षों में विश्व पृथ्वी दिवस की थीम निम्न प्रकार है-विश्व पृथ्वी दिवस 2020 की थीम- क्लाइमेट ऐक्शन
विश्व पृथ्वी दिवस 2019 की थीम- प्रोटेक्ट आवर स्पीशीज
विश्व पृथ्वी दिवस 2018 की थीम- प्लास्टिक प्रदूषण का अंत
विश्व पृथ्वी दिवस 2008 की थीम- कृपया पेड़ लगायें।
विश्व पृथ्वी दिवस 2007 की थीम- धरती के प्रति दयालु बने-संसाधनों को बचाने से शुरुआत करें।
पृथ्वी या पर्यावरण को लेकर दिये गये महत्वपूर्ण कथन
पृथ्वी या पर्यावरण की महत्ता को सदियों से ही पर्यावरणविदो व स्थानीय लोगो द्वारा न सिर्फ पहचाना गया बल्कि इसके संरक्षण के बारे मे आंदोलन तक किये है। भले ही पृथ्वी दिवस को 1970 में मनाते हुए आ रहे है मगर महान विद्वानों का मानना है कि इसके लिए किसी विशेष दिन चुनने से हम इसके संरक्षण के प्रति और लापरवाह हो जाएगे। क्योकि हमने इसके लिए साल मे एक या दो दिन चुने है जबकि यह एक दो दिनो का नही बल्कि पूरे साल भर सामानान्तर किया जाने वाला कार्य है। पर्यावरण पर प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा दिया गये कुछ ऐसे ही कथन है, शायद ये कथन हमें धरती का ध्यान रखने और इसके प्राकृतिक संपत्ति को संरक्षित करने की प्रेरणा देते हैं।बोलते हुए स्वर्ग से बात करने के लिये पेड़ पृथ्वी का अंतहीन प्रयास है।- रविन्द्रनाथ टैगोर
ईश्वर स्वर्ग बनाना चाहता है और धरती वो स्वर्ग है। सुदूर ब्रम्हाण्ड में यहाँ बहुत ढ़ेर सारा प्यार, जीवन, सुंदरता और शांति है। अपने हमजोली के साथ मस्ती करें।- अमित राय
हमारे पास कुछ बड़ी सफलताएँ हैं और हमने ऐसा किया था क्योंकि पृथ्वी दिवस को देश ने गले लगाया था और इस संकल्पना को ग्रहण किया कि इस देश में हमें आगे की ओर देखने वाला, दृश्यात्मक पर्यावरणीय नीति और ऊर्जा नीति चाहिये।- जे इंस्ली
पृथ्वी दिवस 1970 अटूट सबूत था कि अमेरिकन लोग पर्यावरणीय चिंताओं को समझते हैं और उसको सुधारने के लिये कार्यवाही चाहते हैं।- बैरी कॉमनर
हमारे पास कुछ बड़ी सफलताएँ हैं और हमने ऐसा किया था क्योंकि पृथ्वी दिवस को देश ने गले लगाया था और इस संकल्पना को ग्रहण किया कि इस देश में हमें आगे की ओर देखने वाला, दृश्यात्मक पर्यावरणीय नीति और ऊर्जा नीति चाहिये।- जे इंस्ली
पृथ्वी दिवस पर, हम उन सभी उपहारों की खुशी मनाते हैं जो हमें प्रकृति उपलब्ध कराती है। इसकी उदारता पर अपनी पूरी निर्भरता को हम पहचानते हैं। और भविष्य की पीड़ी के लिये इसके फलों को सुरक्षित रखने के लिये अच्छे प्रबंधन के लिये हम स्वीकार करते हैं।- जॉन होवेन
परावर्तित करने के लिये पृथ्वी दिवस को हमें जरुर प्रोत्साहित करना चाहिये जो हम कर रहें है अपने ग्रह को बनाने में, एक दीर्घकालिक और रहने लायक स्थान।- स्कॉट पीटर्स
GEP nicely describe
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