शतरंज आई0एम सक्षम रौतेला, उत्तराखंड के पहले व मौजूदा समय में देश के 125 आई0एम0 में शामिल
During Tournment |
सफलता पाने के लिए मेहनत के सिवा कोई दूसरा शार्टकट नहीं है। यह कथन ही नहीं बल्कि सफलता का एक मंत्र है, जिसने इस मंत्र का महत्व समझा सफलता उसके आस पास ही घुमती है। इसका जीता जागता उदाहरण है उत्तराखण्ड के एक होनहार शतरंज खिलाडी सक्षम रौतेला। जिन्हे हाल ही में फीडे (शतरंज की विश्व संस्था) ने शतरंज इंटरनेशनल मास्टस के खिताब से नवाजा है।
सक्षम मूलतः उत्तराखण्ड के बागेश्वर जिले के रहने वाले है, जो कि शतरंज के लिए उचित वातावरण वाले स्थानों में शायद नही गिना जा सकता है, क्योंकि शतरंज एक ऐसा खेल है जिसमें अभ्यास भी टुर्नामेंट खेलने से ही होता है जिसके लिए खिलाडी को हर हफ्ते, हर महीने एक जगह से दूसरी जगह सफर करना व टुर्नामेंट खेलना पड़ता है। ऐसी जगह से शतरंज की शुरूआत करना और मात्र 7 साल में आई0एम0 खिताब लेना वाकई उनके मेहनत, लगन, धैर्य व कभी न हार मानने वाली प्रवृति को दर्शाता है।
Click शतरंज का इतिहास व शतरंज में भारत की मौजूदा स्थिति
Top 10 Junior Indian chess player |
सक्षम के लिए साल 2019 बहुत निर्णायक था क्योंकि जहां एक ओर हाईस्कूल के बोर्ड की परीक्षा थी तो वही दूसरी ओर वह शतरंज में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, और उन्हे पूरी उम्मीद थी कि वह इस साल अपना आई0एम0 टाइटल प्राप्त कर सकते है। मगर इसके बीच उन्होंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा को तवज्जों देना मुनासिब समझा और अच्छे ग्रेड के साथ 10वीं बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की। बोर्ड की परीक्षा में व्यवस्था होने पर भी उन्होंने शतरंज का अभ्यास नहीं छोडा, जिसका फल उन्हे उसी वर्ष दिसम्बर में अपना पहला आई0एम0 नाॅर्म के रूप में मिला। अब उनको दो और नार्म की जरूरत थी जो उन्होंने जनवरी-फरवरी 2020 में यूरोप में हुए प्रतियोगिता में हासिल किया। अक्टूबर 2020 में फीडे की त्रिमासिक मीटिंग के बाद उनके आई0एम0 खिताब को मंजूरी मिल गयी है। वर्तमान समय मे भारत मंे 125 आई0एम0 और 66 जी0एम0 है, जिसमें सक्षम 125वें नम्बर के आई0एम0 है।
फीडे की वर्तमान रेटिंग के अनुसार वह उत्तराखंण्ड के ही नहीं बल्कि उत्तर भारत के राज्यों (अगर दिल्ली व चंडीगढ़ का शामिल न करें तो।) में सबसे ज्यादा ईएलओ रेटेड खिलाडी भी है।
वर्तमान समय में देश में प्रदेशवार Chess IM
पिछले सात सालों में उन्होंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई आयु वर्ग व ओपन प्रतियोगिताए जीती है।
सक्षम शतरंज के साथ ही बैटमिंटन के भी अच्छे खिलाडी है जो वर्ष 2015 में जिला स्तरीय चैम्पियनशिप जीते थे।
सक्षम व उनके भाई सद्भव दोनों पिछले कई सालों से नेशनल टुर्नामेंटों में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए आ रहे है।
chess players in Uttarakhand I uttarakhand chess
माता पिता का दमदार किरदार
मात्र 7 साल में छोटे से जिले बागेश्वर, जहां शायद मूलभूत आवश्यकता की भी कमी हो, से आगे बढ़कर और इतने कम समय में हर वर्ष खेल के लिए 2 या 3 बार यूरोप व अमेरिका का दौरा करना, और वहां भी एक जगह मात्र 8-10 दिनो के लिए रूकना फिर दूसरी जगह जाकर गेम खेलना या शायद सोचने में सामान्य लगे मगर असल में बहुत कष्टदायक है क्योंकि जहां एक ओर भारी व्यय है तो वही दूसरी ओर वातावरण की प्रतिकूलता व लंबे समय से लगातार सफर से मानसिक व शाररीक थकान। यह सब बिना मानसिक मजबूती त्याग, समर्पण व अपने बच्चों के भविष्य के लिए कुछ भी कर गुजर जाने की इच्छा के सम्भव नहीं है। सक्षम के लिए जहां एक ओर उनके पिता किसी भी आर्थिक स्थिति के लिए उनके साथ खड़े है, तो वही उनकी माता हर टुर्नामेंट में उनके साथ-साथ रहती है, जो हर अच्छे गेम के बाद उनको सामान्य बनाये रखने तथा बुरे गेम में उनका उत्साह बढ़ाती रहती है जिससे कि उनके बच्चे का हर कठित स्थिति हौसला आफजाई होता रहे। बच्चों के भविष्य के लिए अपने सपनों को ताक पर रखना व उनके सपनों के लिये जुट जाने का ही नतीजा है कि उत्तराखंड को अपना पहला शतरंज इंटरनेशनल मास्टर मिला है।
क्या होता है शतरंज में आई0एम0 जी0एम0
खिलाड़ी को इंटरनेशनल मास्टर का खिताब शतरंज की सर्वोच्च संस्था “विश्व शतरंज महासंघ” द्वारा दिया जाता है. यह शतरंज की दुनिया में दिया जाने वाला ग्रांड मास्टर के बाद दूसरे नम्बर का सर्वोच्च खिताब है। वैसे ही, ग्रेंड मास्टर का खिताब भी शतरंज की सर्वोच्च संस्था “विश्व शतरंज महासंघ” द्वारा दिया जाता है. यह शतरंज की दुनिया में दिया जाने वाला यह सर्वोच्च खिताब है. जो खिलाडी इसे एक बार जीत लेता है वह इस खिताब को पूरी जिंदगी अपने पास रखता है अर्थात अपने नाम के आगे लगा सकता है. हालाँकि “विश्व शतरंज महासंघ” ने इसके लिए कुछ नियम भी बनाये है यदि किसी खिलाड़ी पर “धोखा और भ्रष्टाचार” के आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो उससे यह खिताब वापस भी ले लिए जाता है।
किसी भी खिलाडी को शतरंज शुरू करने से पहले एआईसीएफ, जो कि शतरंज की भारतीय संस्था है में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। जैसे ही खिलाडी रजिस्ट्रेशन करवाता है तो उसे एआईसीएफ द्वारा फीडे की ओर से एक आई0डी0 उपलब्ध करवायी जाती है। जैसे-जैसे खिलाडी जीतता जाता है उसे विरोधी खिलाडी की रेटिंग के अनुसार प्वाइंट मिलते जाते है यह उसी तरह के प्वाइंट होते है जैसे क्रिकेट में खिलाडियों को मिलते है, इन्ही प्वाइंटों के जुडने या घटने से फीडे रेटिंग बनती है जैसे-जैसे खिलाडी की रेटिंग बढ़ती जाती है विरोधी खिलाडियों से जीतने व हारने पर उसके प्वांइट उसकी रेटिंग के अनुसार ही बहुत कम बढ़ते व घटते है। इस प्रोसेस में आईएम0 व जी0एम0 की प्रक्रिया भी होती है।
जब कोई खिलाडी किसी टुर्नामेंट के औसतन 9 मैचों में दूसरे दो या उससे अधिक तीन आई0एम0 या जी0एम0 को 2450 की रेटिंग से खेलतें हुए हराता है तो उसे एक आई0एम0 नार्म से नवाजा जाता है। किसी भी खिलाडी को शतरंज आई0एम0 बनने के लिए इसी तरह के तीन नार्म पूरे करने होते है साथ ही उसकी कुल रेटिंग भी 2400 से उपर होनी चाहिए।
इसी तरह से ग्रेंड मास्टर में खिलाडी को 2500 से ऊपर की रेटिंग और तीन नार्म लेने होते है।
Proud of You ...Keep it up
ReplyDeleteThanks...Really proud moment for our State..
DeleteHappy moments
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