क्या है संक्रमण के स्टेजेज
स्टेज 1- जब कोई क्षेत्र विशेष में संक्रमित व्यक्ति किसी दूसरे देश या अन्य क्षेत्रे से आया हो तो वह क्षेत्र स्टेज 1 के अंतर्गत आएगा।
स्टेज 2- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से उसके परिजनो व अन्य रिश्तेदारों का संक्रमित होना स्टेज 2। इस स्टेज में किसी भी संक्रमित व्यक्ति की पहचान की जा सकती है तथा इसे बिमारी को फैलने से रोका जा सकता है।
स्टेज 3- जब कोई व्यक्ति संक्रमित हो और उसे पता न चले कि उसमें ये संक्रमित बीमारी कहा से आयी हो। इस स्थिति को संभालना में पूरे सरकारी तंत्र की जरूरत होती है।
स्टेज 4-जब बड़े पैमाने में बीमारी फैल जाय और उसे रोकना में सरकार विफल हो जाय। इसमें कोई रिकाॅर्ड रखना भी संभव नही हो पाता है निजी क्षेत्रों पर निर्भरता बढ़ जाती है।
कोरोना का व्यापारिक असर जानने के लिए पढ़े
दुनिया में तेजी से फैलते संक्रमण कोरोना के लक्षणों को अध्ययन करने विश्व के जानेमाने काॅलेजो व विश्वविद्यालयों को जो शोध सामने आये है उन्हे देखते हुए अभी तक हमारे लिए एक अच्छी खबर है मगर इसका ये मतलब नही है कि हम इस महामारी को लेकर सावधानी न बरतेे।
अभी हाल ही में मैसाच्सूसेट्स इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी (एमआईटी) MIT के वैज्ञानिको ने अपने नए शोध में दावा किया कि कोरोना का प्रसार गर्म जगहो पर ठंडी जगहो के मुकाबले थोडी कम है ये शोध उन्होंने अभी तक संक्रमित व प्रसारित जगहो के आधार पर की है उन्होने विभिन्न देशों के प्रांतों से जो डाटा इकट्ठा किया है उसके आधार पर ये दावा किया है। इन वैज्ञानिको ने दावा किया कि जिन क्षेत्रों को तापमान 3 से 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास था वहां सबसे ज्यादा और तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है। जबकि वे देश जो भूमध्यरेखा (इक्वेटर) 0 डिग्री अंशाक्ष के पास है या जहा तापमान अधिक है वहां इसके संक्रमण का प्रसार अपेक्षाकृत कम मात्रा में हुआ है। वैज्ञानिको ने अमेरिका के गर्म क्षेत्र एरिजोना, टेक्सास, फ्लोरिडा में संक्रमण फैलने की दर जो कि वहां के ठंडे क्षेत्रों जैसे वांशिगटन, कोलाराडो, न्यूयाॅर्क आदि क्षेत्रों से कम होने से भी इस बात को जोडकर देखा। उन्होने अपने शोध में इस बात का भी जिक्र किया कि यूरोप के देशों में जहां स्वास्थय सेवाये अच्छी होने के बावजूद यह वायरस तेजी से फैल रहा है।
कुछ अन्य इंस्टीट्यूर के वैज्ञानिको ने इस बात को और अधिक स्पष्ट किया कि ठंडे क्षेत्रों को सिर्फ अक्षाशों से ही नही समझा जा सकता। उदाहरण के तौर पर इरान को लिया जा सकता है जो कि गर्म क्षेत्रों होने के साथ साथ 0 अक्षांश के भी पास है। इन वैज्ञानिको ने एक नए पेटर्न तैयार किया जिसमें उन क्षेत्रों के अक्षांश के अलावा वहा के प्राकृतिक वातावरण और तापमान के ध्यान में रखा। जो क्षेत्रों ठंडे मुख्यतः 4-17 डिग्री तापमान के पास है वहां इसके फैलने की संभावना अधिक है। जैसे इरान इस वायरस का संक्रमण इसके उत्तरपूर्वी भाग जो अपेक्षाकृत ठंडा मे ही अधिक है और ऐसे ही अन्य देशों में जहा भी ये वायरस संक्रमित कर रहा है उन देशों के विशेष क्षेत्रों में इसका संक्रमण वहा ज्यादा पाया गया जहां का तापमान अन्य क्षेत्रों से कम ही है।
कोरोना के कारण आर्थिक मंदी के बाद क्या चीन बन सकता है सुपर पाॅवर तथ्य जानने के लिए पढ़े?
इसे हम नीचे दिये मैप से अधिक स्पष्ट समझ सकते है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनावायरस COVID-19 से संक्रमित प्रति हजार व्यक्तियों में से नौ व्यक्तियों की मौत होने की आशंका है, अभी तक इस वायरस से बुजुर्गों की मृत्यु दर सबसे ज्यादा , जो उनकी रोग प्रतिरोधकता में कमी के कारण हो सकती है।
कोरोनावायरस की मौजूदा स्थिति
⇰ अब तक इस वायरस से 17000 लोगों कि मौत हो चुकी है। जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 4 लाख के करीब पहुच चुकी है।
⇰ इटली में जहां सबसे ज्यादा इस वायरस के संक्रमण से अब तक 6200 लोगों की मौत हो चुकी है वही चीन में जहां से इसी वायरस की शुरूआत हुई थी, मौत का आंकडा जो चीनी सरकार का सरकारी आंकडा है लगभग 3300 और संक्रमित लोगों की संख्या 90 हजार के आसपास पहुच चुकी है।
⇰ कोरोनावायरस यानी बहुत ही सूक्ष्म वायरस है जिसका आकार मनुष्य के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा और आनुवाशिंक संरचना में चमगादड़ में पाये जाने वाले सार्स वायरस के समान (लगभग 85 प्रतिशत) ह,ैजो कि कोरोना वायरस परिवार का सातवां पाया गया सदस्य है अभी तक कुल 6 कोरोना वायरस मनुष्यों व जानवरो में पाया गया है।
अभी चीन ने इस वायरस पर शोध कर इसके घातकता पर आयु के अनुसार शोध किया है जो कि निम्न प्रकार है।
⇰ 9 साल तक के बच्चों में - 0-0.01 प्रतिशत
⇰ 10-34 साल तक के लोगों में 0.2 प्रतिशत
⇰ 35-40 साल तक के लोगों में - 0.3 प्रतिशत
⇰ 40-50 साल तक के लोगों में - 0.4 प्रतिशत
⇰ 50-70 साल तक के लोगों में - 2.5 प्रतिशत
⇰ 70 साल तक के लोगों में - 13-14 प्रतिशत
स्टेज 1- जब कोई क्षेत्र विशेष में संक्रमित व्यक्ति किसी दूसरे देश या अन्य क्षेत्रे से आया हो तो वह क्षेत्र स्टेज 1 के अंतर्गत आएगा।
स्टेज 2- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से उसके परिजनो व अन्य रिश्तेदारों का संक्रमित होना स्टेज 2। इस स्टेज में किसी भी संक्रमित व्यक्ति की पहचान की जा सकती है तथा इसे बिमारी को फैलने से रोका जा सकता है।
स्टेज 3- जब कोई व्यक्ति संक्रमित हो और उसे पता न चले कि उसमें ये संक्रमित बीमारी कहा से आयी हो। इस स्थिति को संभालना में पूरे सरकारी तंत्र की जरूरत होती है।
स्टेज 4-जब बड़े पैमाने में बीमारी फैल जाय और उसे रोकना में सरकार विफल हो जाय। इसमें कोई रिकाॅर्ड रखना भी संभव नही हो पाता है निजी क्षेत्रों पर निर्भरता बढ़ जाती है।
कोरोना का व्यापारिक असर जानने के लिए पढ़े
दुनिया में तेजी से फैलते संक्रमण कोरोना के लक्षणों को अध्ययन करने विश्व के जानेमाने काॅलेजो व विश्वविद्यालयों को जो शोध सामने आये है उन्हे देखते हुए अभी तक हमारे लिए एक अच्छी खबर है मगर इसका ये मतलब नही है कि हम इस महामारी को लेकर सावधानी न बरतेे।
अभी हाल ही में मैसाच्सूसेट्स इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी (एमआईटी) MIT के वैज्ञानिको ने अपने नए शोध में दावा किया कि कोरोना का प्रसार गर्म जगहो पर ठंडी जगहो के मुकाबले थोडी कम है ये शोध उन्होंने अभी तक संक्रमित व प्रसारित जगहो के आधार पर की है उन्होने विभिन्न देशों के प्रांतों से जो डाटा इकट्ठा किया है उसके आधार पर ये दावा किया है। इन वैज्ञानिको ने दावा किया कि जिन क्षेत्रों को तापमान 3 से 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास था वहां सबसे ज्यादा और तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण फैला है। जबकि वे देश जो भूमध्यरेखा (इक्वेटर) 0 डिग्री अंशाक्ष के पास है या जहा तापमान अधिक है वहां इसके संक्रमण का प्रसार अपेक्षाकृत कम मात्रा में हुआ है। वैज्ञानिको ने अमेरिका के गर्म क्षेत्र एरिजोना, टेक्सास, फ्लोरिडा में संक्रमण फैलने की दर जो कि वहां के ठंडे क्षेत्रों जैसे वांशिगटन, कोलाराडो, न्यूयाॅर्क आदि क्षेत्रों से कम होने से भी इस बात को जोडकर देखा। उन्होने अपने शोध में इस बात का भी जिक्र किया कि यूरोप के देशों में जहां स्वास्थय सेवाये अच्छी होने के बावजूद यह वायरस तेजी से फैल रहा है।
कुछ अन्य इंस्टीट्यूर के वैज्ञानिको ने इस बात को और अधिक स्पष्ट किया कि ठंडे क्षेत्रों को सिर्फ अक्षाशों से ही नही समझा जा सकता। उदाहरण के तौर पर इरान को लिया जा सकता है जो कि गर्म क्षेत्रों होने के साथ साथ 0 अक्षांश के भी पास है। इन वैज्ञानिको ने एक नए पेटर्न तैयार किया जिसमें उन क्षेत्रों के अक्षांश के अलावा वहा के प्राकृतिक वातावरण और तापमान के ध्यान में रखा। जो क्षेत्रों ठंडे मुख्यतः 4-17 डिग्री तापमान के पास है वहां इसके फैलने की संभावना अधिक है। जैसे इरान इस वायरस का संक्रमण इसके उत्तरपूर्वी भाग जो अपेक्षाकृत ठंडा मे ही अधिक है और ऐसे ही अन्य देशों में जहा भी ये वायरस संक्रमित कर रहा है उन देशों के विशेष क्षेत्रों में इसका संक्रमण वहा ज्यादा पाया गया जहां का तापमान अन्य क्षेत्रों से कम ही है।
कोरोना के कारण आर्थिक मंदी के बाद क्या चीन बन सकता है सुपर पाॅवर तथ्य जानने के लिए पढ़े?
इसे हम नीचे दिये मैप से अधिक स्पष्ट समझ सकते है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनावायरस COVID-19 से संक्रमित प्रति हजार व्यक्तियों में से नौ व्यक्तियों की मौत होने की आशंका है, अभी तक इस वायरस से बुजुर्गों की मृत्यु दर सबसे ज्यादा , जो उनकी रोग प्रतिरोधकता में कमी के कारण हो सकती है।
कोरोनावायरस की मौजूदा स्थिति
⇰ अब तक इस वायरस से 17000 लोगों कि मौत हो चुकी है। जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 4 लाख के करीब पहुच चुकी है।
⇰ इटली में जहां सबसे ज्यादा इस वायरस के संक्रमण से अब तक 6200 लोगों की मौत हो चुकी है वही चीन में जहां से इसी वायरस की शुरूआत हुई थी, मौत का आंकडा जो चीनी सरकार का सरकारी आंकडा है लगभग 3300 और संक्रमित लोगों की संख्या 90 हजार के आसपास पहुच चुकी है।
⇰ कोरोनावायरस यानी बहुत ही सूक्ष्म वायरस है जिसका आकार मनुष्य के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा और आनुवाशिंक संरचना में चमगादड़ में पाये जाने वाले सार्स वायरस के समान (लगभग 85 प्रतिशत) ह,ैजो कि कोरोना वायरस परिवार का सातवां पाया गया सदस्य है अभी तक कुल 6 कोरोना वायरस मनुष्यों व जानवरो में पाया गया है।
अभी चीन ने इस वायरस पर शोध कर इसके घातकता पर आयु के अनुसार शोध किया है जो कि निम्न प्रकार है।
⇰ 9 साल तक के बच्चों में - 0-0.01 प्रतिशत
⇰ 10-34 साल तक के लोगों में 0.2 प्रतिशत
⇰ 35-40 साल तक के लोगों में - 0.3 प्रतिशत
⇰ 40-50 साल तक के लोगों में - 0.4 प्रतिशत
⇰ 50-70 साल तक के लोगों में - 2.5 प्रतिशत
⇰ 70 साल तक के लोगों में - 13-14 प्रतिशत
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