Saturday, April 4, 2020

Mount Rushmour I Shrine of Democracy I चट्टानी कलाकारी का अद्भूत नमूना माउंट रशमौर दक्षिण डकोटा । आधुनिक शिलालेख

क्यू विशेष है दक्षिण डकोटा


अगर बात अमेरिका की हो तो अमेरिकी राष्ट्रपति पूरी दुनिया पर एक अलग ही महत्व रखते है रखे भी क्यू ना एक ऐसे देश का राष्ट्राध्यक्ष जो दुनिया के आधे से ज्यादा देशों के लिए एक आर्थिक मंज देता है उसमे भी अमेरिका के चार राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन, अब्राहम लिंकन, थॉमस जेफरसन, और थियोडोर रूजवेल्ट, जो दुनियाभर में सदा के लिए अमर हो गये है अधिकारिक तौर पर शायद करोड़ो वर्षों के लिए क्योंकि इन पूर्वराष्ट्राध्यक्षों के चेहरे को विशेष रूप से एक पर्वत जो कि ग्रेनाइट की चट्टान है में ढ़ाला गया है, भूगर्भिक दृष्टि से जिसकी आयु करोड़ो वर्षों आंकलित की गयी है 
अमेरिका में अगर बात काॅस्ट आॅफ लिविंग की बात की जाय तो इसमें दक्षिण डकोटा सबसे पहले स्थान पर है। दक्षिण डकोटा मे ब्लैक हिल्स नेशनल फॉरेस्ट में माउंट रशमौर जो कि इसमें नक्काशी के कारण अलग ही पहचान रखता है। माउंट रशमोर, दक्षिण डकोटा के ब्लैक हिल्स नेशनल फॉरेस्ट में कस्टर स्टेट पार्क के उत्तर में स्थित है। यह एक ग्रेनाइट और बेसाल्ट की चट्टानों का बना है जिस कारण वर्ष 1884-85 में न्यूयॉर्क के एक वकील चार्ल्स रशमोर खनन संबंधी निरीक्षण करने के लिए डकोटा मे स्थित ब्लैक हिल्स का दौरा या सर्वे करने गये थे। तब रशमोर ने एक पहाडी को विशेष पाते हुए स्थानीय लोगो से इसके बारे मे पूछा तो पता चला कि तब तक आधिकारिक रूप से इस पर्वत का नाम नही पड़ा था जो कि बाद में वकील चाल्र्स ई0 रशमौर के नाम से माउंटेन रशमौर या रशमौर पीक नाम से जाना गया। आज यह माउंटेन पूरी दुनिया में नक्काशी व ’लोकतंत्र का मंदिर’ के रूप में अपनी एक अलग ही पहचान बना है।

मूविंग स्टोन से जुडे रोचक तथ्य को जानने के लिए पढ़े


कैसे एक माउंटेन (पर्वत) बना ’लोकतंत्र का मंदिर’  Shrine of Democracy,”

माउंटेन (पर्वत) को ’लोकतंत्र का मंदिर’ या लोकतंत्र का तीर्थ कहने का आशय है कि यह पर्वत अपने आप मे उन प्रतिमाओं को संजोए हुए है जो अमेरिकी इतिहास में लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में सबसे अग्रणी थे। आज माउंटेन रशमौर का दक्षिण-पूर्वी भाग चार विशाल नक्काशीदार मूर्तियों से सुशोभित है। इसकी नक्काशी करने वाले मूर्तिकार गत्जोन बोरग्लम के सुझाव पर इस माउंटेन में शुरू में जॉर्ज वाशिंगटन और अब्राहम लिंकन की छवि अंकित करने पर सहमति बनी, क्योंकि इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका के 150 सालों के इतिहास मे गणतंत्र संरक्षण और क्षेत्र के विस्तार में इनकी भूमिकाओं से जोड़ते हुए राष्ट्रीय हित को अधिक आकर्षित करेगा। बाद में लोकतंत्र के संरक्षण और संयुक्त राज्य अमेरिका के क्षेत्र विस्तार में उनके योगदान को देखते हुए थॉमस जेफरसन और थियोडोर रूजवेल्ट को भी इस सूची में शामिल किया गया। 
इस प्रकार ये मूर्तिया है

जार्ज वाशिंगटन- पहले राष्ट्रपति के रूप में, जहां से अमेरिका में लोकतंत्र की नींव पड़ी। थाॅमस जेफरसन- 1803 में फ्रांस से लुइसियाना (लगभग 8 लाख मील जमीन) खरीद के साथ अमेरिका के विस्तार करने के लिए।थियोडोर रूजवेल्ट- औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका, राष्ट्रीय उद्यानों का विकास किया, संरक्षण को बढ़ावा दिया।अब्राहम लिंकन- देश की एकता को बढ़ावा देने महत्वपूर्ण भूमिका। गृह युद्ध के बाद देश की हालात को सामान्य बनाने में मुख्य भूमिका।

इसके निर्माण के बीच वर्ष 1937 में अमेरिकी कांग्रेस में एक अन्य प्रस्ताव के तहत इसमें सुसान बी0 एंथनी, जो कि एक महान अमेरिकी सोशल रिफार्मर और महिला एक्टिविस्ट थी, की छवी की नक्काशी को माउंट रशमौर में जगह मिलने के लिए विधेयक पारित किया गया। लेकिन यह विधेयक इस कारण पास नही हो पाया क्योकि इसके विरोध में कहा गया कि संघीय धन केवल उन स्थानों या परियोजनाओं में ही खर्च किया जाना चाहिए जिसने या जिन कारणों ने अमेरिकी लोकतंत्र को मजबूती या अमेरिका का क्षेत्र विस्तार करने में कोई महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।


रोचक तथ्य

माउंट रशमौर मूर्ति निर्माण व निर्माण के दौरान



  • मूल डिजाइन में थॉमस जेफरसन के चेहरे को जॉर्ज वॉशिंगटन के बाईं ओर ले जाने के लिए थी। जिसके लिए थॉमस जेफरसन के चेहरे की नक्काशी जुलाई 1931 में शुरू हुई, लेकिन जल्द ही पता चला कि उस स्थान पर ग्रेनाइट का क्षेत्र क्वार्ट्ज से भरा था। लेकिन 18 महीनों के इस पर काम करने के बाद भी सफलता नही मिली क्वार्ट्ज की मात्रा में कमी नही हुई। अतः 1934 में, बोर्ग्लम ने जेफरसन के चेहरे को जाॅर्ज वाशिंगटन के दायी ओर रखने का निर्णय लिया और बाई ओर के काम को विस्फोट द्वारा हटा दिया तथा फिर यह काम दायी ओर को जारी रखा।
  • रशमौर घाटी में एक चेहरो के पीछे एक नक्काशीदार कक्ष है, जो चट्टानो को केवल 70 फीट (21 मी) काटकर बनाया गया है, जिसमें सोलह चीनी मिट्टी के रंगीन बर्तनों की सूची के साथ एक तिजोरी है। इस सूची में स्वतंत्रता और संविधान की घोषणा, चारों राष्ट्रपतियों और बोरग्लम की जीवनी और अमेरिका के इतिहास का व्याख्यान शामिल है। इस कक्ष का निर्माण प्रवेश द्वार से हॉल ऑफ रिकॉड्स के रूप में सुनियोजित किया गया है और कक्ष को 1998 में स्थापित किया गया था।
  • रशमौर पर्वत पूर्णतः ग्रेनाइट से बना है जिस संक्षारण होने की दर एक इंच प्रति दस हजार साल है।
  • इसमें 90 प्रतिशत खुदाई का काम डाइनामाइट से किया गया। 
  • हालांकि यह एक जोखिम भरा काम था, क्योंकि यह कार्य रस्सियों तारों आदि द्वारा लटककर किया जाना था। फिर भी 14 साल के इस परियोजना में किसी भी मजदूर या कर्मी की जान नहीं गयीं। जो कि इस परियोजना के संयोजक के लिए एक उपलब्धि से कम नहीं है।
  • सन् 1933 में नेशनल पार्क सेवा ने माउंट रशमोर को अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत लिया। 
  • 15 अक्टूबर 1966 में माउंट रशमोर को ऐतिहासिक स्थानों के नेशनल रजिस्टर पर सूचीबद्ध किया गया था। 
  • माउंट रशमोर पर 16 साल काम करने के बाद, 73 वर्षीय बोर्ग्लम फरवरी 1941 में प्रोस्टेट सर्जरी के लिए गया। इसके ठीक तीन हफ्ते बाद, 6 मार्च, 1941 को शिकागो में एक रक्त के थक्के से बोरग्लम की मृत्यु हो गई। माउंट रशमौर के समाप्त होने के ठीक सात महीने पहले बोरग्लम की मृत्यु हो गई। उनके बेटे, लिंकन बोर्ग्लम ने अपने पिता के लिए इस परियोजना को पूरा किया।

रमशौर में अद्भूत कलाकारी की शुरूआत-

1923 में दक्षिण डकोटा के इतिहासकार डोन रॉबिन्सन के दिमाग में दक्षिण डकोटा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ब्लैक हिल्स क्षेत्र पर नक्काशी या सौन्दर्यकरण का विचार आया। हांलाकि शुरू में यह विचार ग्रेनाइट, बेसाल्ट चट्टानों को देखकर आया जिन्हे वहा कि स्थानीय लोग सूई कहा करते थे। मगर इसकी कठोरता को देखते हुए बाद में मूर्तिकार ने इसके बजाय पास के पर्वत रशमौर पहाड़ियो को नक्काशी के लिए उपर्युक्त पाया। इसके लिए रॉबिन्सन ने पत्थर पर नक्काशी करने वाले मूर्तिकार की तलाशी शुरू कर दी, और 1924 में, मूर्तिकार गत्जोन बोरग्लम, जो उस समय जॉर्जिया के स्टोन माउंटेन मे कॉन्फेडरेट जनरल रॉबर्ट ईं0 ली की मूर्ति को उकेरने का मुख्य मूर्तिकार था, से सम्पर्क किया तथा उन्हे अपनी योजना के बारे मे पूछा तथा ब्लैक हिल्स क्षेत्र मे इस परियोजना के लिए तैयार किया। गत्जोन बोरग्लम मूल रूप से डेनिश अमेरिकी था। गत्जोन बोरग्लम ने माउंट रशमौर को नक्काशी के लिए चुना, क्योंकि यह एक तो यह शानदार स्थान था और इसका अधिकांश मुख्य भाग दक्षिण की ओर था जिससे इस भाग पर सूरज की सीधी रोशनी अधिक से अधिक पड़ती रहेगी।  
3 मार्च 1925 को अमेरिकी कांग्रेस ने माउंट रशमौर परियोजना को अपनी स्वीकृति दे दी तथा साथ ही कहा कि इसके दिखभाल के लिए एक आयोग का भी गठन किया जाना चाहिए। साथ ही तत्कालीन राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने जोर देकर कहा कि जार्ज वॉशिंगटन के साथ, दोनों रिपब्लिकन  और डेमोक्रेट नेताओं का भी चित्रण किया जाना चाहिए। 
अमेरिकी कांग्रेस से स्वीकृति के बाद मूर्तिकार गुत्जोन बोरग्लम के नेतृत्व में, परियोजना पर काम 1927 में शुरू हुआ  और 14 वर्ष के बाद आखिरकार 1941 में इसे जनता के लिए खोला गया। शुरू में मूर्तिकार गुत्जोन बोरग्लम के मूल डिजाइन में, चारों अध्यक्षों को कमर से ऊपर के भाग को अंकन करना था, जिसके लिए बहुत धन की जरूरत थी लेकिन खर्च में बढ़तरी के देखते हुए उनके चेहरे के पूरा होने के बाद नक्काशी को रोक दिया। इस पूरे समयावधि में, करीब 400 श्रमिकों ने खतरनाक परिस्थितियों में मूर्तिकला को खड़ा किया, जिससे लगभग 450,000 टन चट्टान को काटा गया, जिससे कि इस विशाल चट्टानी मूर्तियों का निर्माण हुआ। माउंट रशमौर के नक्काशी में डायनामाइट का भी उपयोग किया गया। इसमें से प्रत्येक मूर्ति की ऊंचाई 60 फीट (18 मीटर) है। आज के दिन यह एक अनूठी पहल थी जिसे आज पूरे विश्व में ’श्राइन ऑफ डेमोक्रेसी’ के रूप में जाना जाता है, अमेरिकी पर्यटक विभाग द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट के अनुसार हर वर्ष माउंट रशमौर में लगभग 20 लाख पर्यटक देश विदेश से आते है। जो आज के दिन अमेरिका के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है।  

माउंट रशमौर नक्काशी मे कठिनाइयां

अमेरिका ने 1876-1877 के ग्रेट सिउक्स युद्ध के बाद इस क्षेत्र को लकोटा जनजाति से जब्त कर लिया था। जो कि 1868 के ट्रिटी ऑफ फोर्ट लारामी होने के बाद भी तब तक एक विवादित क्षेत्र था जिस पर कि विरोध होना तय था। परियोजना को अमेरिकी कांग्रेस द्वारा स्वीकृति मिलते ही यहां के स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों ने इस परियोजना को प्राकृतिक परिदृश्य का अपमान बताते हुए इसके विरोध में आवाज उठाना शुरू कर दिया। अगस्त 1925 मूर्तिकार बोर्ग्लम ने ब्लैक हिल्स की अपनी दूसरी यात्रा में माउंट रशमोर को मूर्तिकला के उपयुक्त स्थल के रूप में पाया। इसी बीच रॉबिन्सन इस परियोजना मे कोई ढ़ील नही बरतना चाहते थे उसने, सिटी के मेयर जॉन बोलैंड और सीनेटर पीटर ओबेक से सहायता पाकर परियोजना के लिए धन जुटाने के लिए अथक प्रयास किया। इस बीच इसमे बहुत सी अड़चने आयी राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज का दौरा भी हुआ। अंत में 1929 ई0 में राष्ट्रपति ने इसके लिए संघीय निधी से करीब दो लाख पचास हजार डाॅलर का बजट सुनियोजित किया साथ ही इसकी देखरेख के लिए माउंट रशमौर राष्ट्रीय स्मारक आयोग का गठन भी किया। मेयर जॉन बोलैंड को इस आयोग की कार्यकारी समिति का अध्यक्ष बनाया गया था तथा रॉबिन्सन को इस आयोग से बाहर कर दिया गया था।

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